मंगळवार, २० जानेवारी, २००९

Number ९६ सुरह आलक थक्का Al-Alaq

अल्लाह, तो परोपकारी है, दयालु के नाम पर.



(1) अपने प्रभु के किसने बनाया नाम पर पढ़ें.
(2) वह एक थक्का से आदमी बनाया.
(3) को पढ़ें और अपने प्रभु अधिकांश माननीय है,
(4) कौन () कलम से लिखने के लिए सिखाया
(5) वह क्या नहीं पता था कि सिखाया आदमी.
(6) इनकार! आदमी सबसे निश्चित रूप से, अत्यधिक है
(7) क्योंकि वह अपने आप से क्या चाहिए मुक्त देखता है.
(8) निश्चित रूप से अपने भगवान की वापसी है.
(9) तुम कौन रोकती उसे देखा है
(10) जब वह प्रार्थना करती है एक नौकर?
(11) यदि वह सही रास्ते पर थे तुम्हें माना, लो
(12) या यदि वह पुण्यशीलता बनाए रखने के लिए दूसरों को हुक्म दे रहे हैं!?
(13) यदि वे सच्चाई और मुड़ता के लिए झूठ देता समझा है (उसके) वापस?
(14) वह नहीं है कि अल्लाह देख करता है जानता है?
(15) इनकार! अगर वह नहीं विरत, हम निश्चित रूप से, अपने माथे हराना होगा
(16) एक, पापी माथे पड़ी.
(17) तो उसे उसकी कौंसिल को बुलाने, दो
(18) हम भी सेना के बहादुरों को बुलाने जाएगा.
(19) इनकार! , उसे नहीं मानने और अल्लाह () के लिए श्रद्धा और आकर्षित समीप बनाते हैं.

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